आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वह राजकोषीय घाटे को लेकर चिंतित नहीं हैं तथा सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए अतिरिक्त व्यय की जरूरतों के बावजूद घाटे को सीमित रखने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में व्यक्तिगत आय पर कर की दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने और अगले वित्त वर्ष से अगले चार साल के भीतर कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि व्यक्तिगत बचत प्रोत्साहित करने वाली रियायतों को छोड़कर आय कर में अन्य छूटें खत्म करने की तैयारी है।
मुद्रास्फीति और वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहने के मद्देनजर बैंकरों और उद्योगपतियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और निवेश बढ़ाने के लिए रेपो दर में कटौती कर सकता है।