इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
बैंक ने लॉकर और चेक रिटर्निंग चार्ज भी बढ़ा दिए हैं। इसके तहत एक करोड़ रुपये से अधिक भुगतान वाले चेक की वापसी पर 2,000 रुपये तथा चेक बाउंस होने पर 2,500 रुपये शुल्क लगेगा।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर की धीमी रफ्तार की वजह अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने मोदी सरकार द्वारा अचानक की गई नोटबंदी, आरबीआई की पॉलिसी और रुपये की मजबूती को बताया है।
आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई है। खासतौर से कोयले और उर्वरक सेक्टर में कमजोरी के कारण वृद्धि दर में यह कमी आई है।
देश के विकास में अड़ंगा बना नोटबंदी को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। चिदंबरम ने केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के हवाले से कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की धीमी विकास दर को लेकर की गई उनकी भविष्यवाणी सही थी, जिसे नोटबंदी ने और भी बदतर बना दी।
अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़ों पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का कहना है कि पिछले तीन सालों में लगातार अर्थव्यवस्था बदलती रही है लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में विकास दर साढे़ सात फीसदी रहेगी तथा अागामी कुछ सालों में विकास दर आठ फीसदी तक पहुंच जाएगी।