शीशे की तरह नाजुक कांच के शामियाने यह उपन्यास एक स्त्री के अपने अस्तित्व और ऊर्जा बचाए रखने के संकल्प की कथा है। स्त्री के मन और जीवन से जुड़ी पीड़ा के कई रंग हैं। OCT 23 , 2015