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गहरी नींद लेंगे तो रहेंगे सदा जवान :विशेषज्ञ

गहरी नींद लेंगे तो रहेंगे सदा जवान :विशेषज्ञ

नींद की कमी से बुजुर्गों में अल्जाइमर रोग जैसे कई शारीरिक एवं मानसिक विकार पैदा होने का खतरा बढ़ सकता है जबकि गहरी नींद लेने से व्यक्ति सदा जवान बना रह सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति की नींद बार-बार टूटती है, उसे बार-बार शौचालय जाना पड़ता है और इसी प्रकार की अन्य बाधाएं उसकी नींद में खलल डालती हैं। व्यक्ति उम्र बढ़ने के साथ उस तरह गहरी नींद नहीं ले पाता जैसी वह युवावस्था में लेता है।
ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

ट्रांसजेंडरों को ज्यादातर लोग हिकारत से देखते हैं और कई लोगों का मानना है कि यह दिमागी बीमारी है। इन बातों की लड़ाई लड़ने वाले ट्रांसजेंडरों को एक राहत मिली है। मेक्सिको में एक अध्ययन किया गया और कहा गया कि ट्रांसजेंडर मानसिक विसंगति नहीं है।
जापान में  मानसिक  रूप से अक्षम लोगों पर चाकू से हमला,19 लोगों की मौत

जापान में मानसिक रूप से अक्षम लोगों पर चाकू से हमला,19 लोगों की मौत

जापान में मानसिक रूप से अक्षम लोगों के एक देखभाल केंद्र पर एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अग्निशमन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि तोक्यो से 50 किलोमीटर दूर सागामिहारा शहर में हुए इस हमले में 25 अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से 20 की हालत गंभीर है। 26 वर्षीय हमलावर बाद में पुलिस थाने पहुंचा और उसने अधिकारियों के सामने स्वीकार किया, मैंने यह किया है। उसने बताया कि वह केंद्र का एक पूर्व कर्मचारी था।
दिमाग को आराम देने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं कर्मचारी

दिमाग को आराम देने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं कर्मचारी

अधिकारियों और नियोक्ताओं के लिए ये खबर अहम है कि अगर आप किसी कर्मचारी को कार्यालय में सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए देखते हैं तो झल्लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि संभव है कि अपने दिमाग को आराम देने के लिए वह सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा हो।
अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

दीपिका पादुकोण एक अभियान शुरू करने वाली हैं जो अवसाद से जुड़ी मानसिक समस्या के खिलाफ उनकी लड़ाई से जुड़ा हुआ है। दीपिका का कहना है कि वह खुद इस समस्या को झेल चुकी हैं।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
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