राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के समाप्त होने से एक महिने पहले दो मामलों में दायर दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इन दो याचिकों के खारिज होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा अब तक खारिज की गयी कुल दया याचिकाओं की संख्या 30 हो गयी है।
पिछले 42 साल में उसने एक शब्द नहीं बोला न ही एक कदम भी वह चल पाई। जीवन के चार दशक उसने बिस्तर पर बिताए जबकि 23 साल की उम्र में उसने भी एक सुखमय विवाहित जीवन के सपने देखे थे और उसके सपने सच होने में केवल कुछ दिनों का ही फासला था। लेकिन महज एक पुरुष की हवस ने उसके जीवन को नरक में बदल दिया।