लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को 8000 करोड़ के मनी लॉन्डिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। एन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट ने यह कार्रवाई की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं अक्सर चर्चा का विषय रही है। लेकिन आज उनकी विदेश यात्राओं को लेकर कुछ ऐसे सवालों के जवाब मिले हैं, जिसे अक्सर लोग जानना चाहते हैं। यह सवाल कुछ और नहीं बल्कि उनकी विदेश यात्राओं पर होने वाले खर्चे को लेकर है। एक सरकारी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है।
जीएफआई की ताजा रिपोर्ट की माने तो साल 2014 में देश से लगभग 2100 करोड़ डॉलर (करीब 1.34 लाख करोड़) कालाधन देश से बाहर गया। रिपोर्ट में बताया गया कि 2014 में देश से जो ब्लैकमनी बाहर गई है वह 2013 की तुलना में 19 फीसदी अधिक है।
केंद्रीय राजस्व हंसमुख अधिया ने कहा कि देश की लगभग 8-9 लाख पंजीकृत कंपनियां सालाना रिटर्न नहीं भरती, जिसके कारण ये कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीएमओ ने जो टास्क फोर्स बनाया है वह हर 15 दिन में इन कंपनियों की निगरानी कर रहा है।
चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के नाम और उसके चुनाव चिन्ह दो पत्ती पर रोक को बरकरार रखने का फैसला किया है। दरअसल, दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों ने अपने दावों को लेकर ताजा दस्तावेज सौंपने के लिये और वक्त मांगा है।
एसबीआई शोध रिपोर्ट इकोरेप के अनुसार रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के 4 से 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, लेकिन यह इससे कम रहेगा क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जुलाई तक 4 प्रतिशत के आंकड़े को शायद ही पार करे।
दिल्ली नगर निगम के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज से कालेधन के खिलाफ एक देश व्यापक ऑपरेशन छेड़ दिया है। ईडी ने देशभर में एक साथ 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी ने 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 100 स्थानों पर छापे मारे। ये वे कंपनियां हैं जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर कालेधन को खपत किया था।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय खुलासा योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वाले उन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है जिन्होंने व्यक्तिगत समस्याओं या नकदी की कमी के कारण कर और जुर्माने की पहली किस्त निर्धारित समय सीमा में जमा नहीं की है।