भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नए नोट जारी किए हैं। बैंक के मुताबिक इन नोटों में किए गए कुछ बदलावों से इतर यह पूरी तरह से नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये के नोट जैसा ही है।
एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग इस्केप की एक रपट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले साल 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान देश में खपत बढ़ने तथा बुनियादी ढांचे पर उंचे खर्च की उम्मीद के साथ व्यक्त किया गया है।
नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए भारतीयों के लिए 500 और।,000 के पुराने नोटों को बदलने की सुविधा शुक्रवार को समाप्त हो गई। नोट बदलने के लिए सीमित काउंटरों तथा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग रद्द नोटों को नई मुद्रा से बदलवा पाने में विफल रहे हैं।
सरकार ने व्यक्तियों के लिए आयकर विवरण दाखिल करने का एक नया और ज्यादा आसान फार्म आईटीआर-। शुक्रवार को अधिसूचित किया। यह फार्म आकलन वर्ष 2017-18 के लिये शनिवार से उपलब्ध होगा। इसके साथ ही नोटबंदी के बाद दो लाख रुपये या अधिक राशि की जमाएं करने वाले करदाताओं को इसका खुलासा नये आयकर रिटर्न आईटीआर फार्म में करना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकृत दफ्तरों के बाहर पुराने 500 और 1,000 का नोट बदलने के लिए लोगों की लंबी कतारें और लोगों में अफरातफरी दिख रही है। नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए निवासियों को पुराने नोट बदलने की यह सुविधा शुक्रवार को बंद हो रही है।
रिजर्व बैंक ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि आखिर भारतीयों को 31 मार्च 2017 तक नोट बदलने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के दौरान लोगों को 31 मार्च तक नोट बदलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया था।
ऑस्ट्रेलिय के प्रख्यात अर्थशास्त्री हेन्ज डी कुर्ज ने कहा है कि भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिये नोटबंदी अधिक मजबूत कदम नहीं है। उन्होंने इस कदम को पत्थर को अंडे से मारने का प्रयास करार दिया।