कलम, किताब, चम्मच, प्लेट महिलाओं के लिए हथियार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा वे अपनी उंगलियों, मुक्कों और अपने पावों से भी बुरी नजर डालने वाले मजनुओं को ढेर कर सकती हैं।
बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।