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दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

बांग्‍लोदश के जन्‍म के समय कई लोगोें ने पाकिस्‍तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्‍लादेश में 30 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं, जिन्‍हाेंने पाकिस्‍तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्‍लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्‍लामी आदि शामिल थे। बांग्‍लोदश नेशनलिस्‍ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्‍तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्‍यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्‍लादेश फंस गया है।
सईद को कब से होने लगी मंदिरों की चिंता, बोला पाक में नहीं होने देंगे विध्‍वंस

सईद को कब से होने लगी मंदिरों की चिंता, बोला पाक में नहीं होने देंगे विध्‍वंस

पाकिस्तान के प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा कि उसका संगठन देश में मंदिरों एवं गैर-मुस्लिमों के अन्य पवित्र स्थानों का विध्वंस नहीं होने देगा।
छोटे कद के बड़े अदाकार सईद जाफरी नहीं रहे

छोटे कद के बड़े अदाकार सईद जाफरी नहीं रहे

सत्तर के दशक में फिल्में अलग बन रही थीं तो कलाकार भी अलग थे। मंझौले कद के अभिनेता सईद जाफरी उन्हीं में से एक थे। छियासी साल की आयु में सईद जाफरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया।