नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का नोबेल प्रशस्ति पत्र उनके दक्षिण दिल्ली स्थित घर से चोरी होने के एक महीने से अधिक समय के बाद संगम विहार में जंगल से बरामद किया गया है।
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि भारत का प्रधानमंत्री बनने की उनके मन में कोई चाह नहीं है। उन्होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा। सत्यार्थी ने कहा कि आम लोगों की ताकत और एक आम आदमी की नैतिक शक्ति दुनिया में किसी प्रधानमंत्राी या नेता से लाखों गुना ज्यादा है।