आर्मी चीफ़ जनरल बिपिन रावत ने एक बार फिर कश्मीर में पत्थरबाजी की समस्या को लेकर बिगड़ते हालातपर कहा कि कश्मीरी नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों की ज़िंदगी की परवाह है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि मानवाधिकार का उल्लंघन न हो। हम पत्थरबाज़ी की समस्या से जल्द निपटेंगे।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर भाजपा और सहयोगी संगठन गो-रक्षक दल को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि गो-रक्षक जो खुद को पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस घूम रहे जानवरों के लिए खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें और उनकी सेवा करें।
डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक एक्टर के तौर पर अपना हुनर दिखाने वाले करण जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। करण बॉलीवुड के एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया। फिर चाहे बात ‘कुछ कुछ होता है’ की हो या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर‘ की हो। करण जौहर ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में निर्देशित की हैं।
स्नैक वाला गेम याद है ना? तब नोकिया का 3310 भी याद ही होगा। 17 साल बाद नए लुक के साथ अब नोकिया 3310 मोबाइल सेट की वापसी हो गई है। आज नोकिया के राइट्स वाली कंपनी एचएमडी ग्लोबल ने इसे लॉन्च कर दिया है।
प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिकी सांसदों के बीच भारत सहित अन्य देशों में मानवाधिकार संरक्षकों की सुरक्षा के लिए लाॅबिंग कर रहा है। संगठन भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ राजनीतिक दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहा है।
मानवाधिकार मामले में चीन और अमेरिका में एक तवा है तो दूसरा हांडी। इस मामले में दोनों ने एक दूसरे की कलई खोली है। अमेरिका के लांछन का जबाव देते हुए चीन ने अमेरिका से कहा है कि इस मामले में दूसरों की फूली निहारने की जगह वह अपनी फूटी देखे। अमेरिका प्रशासन अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मानवाधिकार हनन के लिए चीन को पहले ही लताड़ लगा चुका है। अमेरिका ने चीन को दमनकारी करार दिया है।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
पीएम मोदी के कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फैसले पर अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित दैनिक 'द हिंदू' में बड़ी ही बेबाकी से विचार रखे हैं। मनमोहन सिंह ने अपने संपादकीय लेख में कहा, ऐसा कहा जाता है, 'पैसा एक विचार है जो आत्मविश्वास को प्रेरित करता है।' लेकिन 8 नवंबर को एक झटके ने करीब 125 करोड़ लोगों के विश्वास को बर्बाद कर रख दिया है। इस फैसले के चलते एक रात में ही 500 और 1000 रुपये के रूप में मौजूद देश की 85 फीसदी मुद्रा बेकार हो गई।