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राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव की कहानी 'दोपहर का भोजन'

राजेंद्र राव शिक्षा और पेशे से भले ही इंजीनियर रहे हों, मगर उनका मन सदैव साहित्य और पत्रकारिता में ही रमा रहा । तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्र में काफी समय बिताने के बाद अवसर मिलते ही साहित्यिक पत्रकारिता में आ गए। कृतियों में एक उपन्यास, सात कथा संकलन और कथेतर गद्य के बहुचर्चित संकलन उस रहगुजर की तलाश है । संप्रति दैनिक जागरण में साहित्य संपादक।
हितों का टकराव: सचिन, कुंबले और द्रविड़ पर भी गाज संभव

हितों का टकराव: सचिन, कुंबले और द्रविड़ पर भी गाज संभव

अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्ष्मण जैसे पूर्व दिग्‍गज खिलाडिय़ों पर भी हितों के टकराव की गाज गिर सकती है क्‍योंकि ये सभी पूर्व खिलाड़ी किसी-न-किसी रूप में आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के अनुबंध से जुड़े हैं या फिर कंपनियों के साथ इनका करार है। इस वजह से उनकी बीसीसीआई से जुड़ी जिम्‍मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

5 अक्टूबर 1955 को जन्म। छह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास और एक कविता संग्रह। पहली कहानी सन 1978 में सारिका में प्रकाशित। दूरदर्शन और आाकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा कहानियों पर टेलीफिल्म और रेडियो नाटकों का निर्माण। कई कहानियों का भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में कहानियां अनूदित।
एसआईटी के निशाने पर क्रिकेट की सट्टेबाजी और कालाधन

एसआईटी के निशाने पर क्रिकेट की सट्टेबाजी और कालाधन

काले धन पर गठित सुप्रीम कोर्ट की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने तीसरी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि क्रिकेट में सट्टेबाजी खत्म करने के लिए कड़े नियम लागू करने होंगे। वहीं, खेल की छवि साफ सुथरी बनाने के प्रयास के तहत बीसीसीआई ने सभी बोर्ड सदस्यों को सूचित किया है कि वे एक करार पर हस्ताक्षर करें जिसमें उन्हें घोषणा करनी होगी कि संबंधित क्रिकेट संघों के पदाधिकारी रहते हुए उनका कोई हितों का टकराव नहीं होगा।
उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

उसने कहा था – सौ साल पुराना प्रेम

चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ सौ साल की हो गई है। यह सिर्फ प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि मासूम प्रेम की अभिव्यक्ति है। उसने कहा था गुलेरी जी ने सन 1915 में लिखी थी। सौ साल बाद भी इस कहानी की न रुमानियत खत्म हुई न मासूमियत।
दिल्ली विवादः अधिसूचना पर रोक से उच्च न्यायालय का इनकार

दिल्ली विवादः अधिसूचना पर रोक से उच्च न्यायालय का इनकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से जारी उन दो अधिसूचनाओं पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारों को छीन लिया था।
42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

करीब 42 सालों से जिंदा लाश की तरह केईएम अस्पताल के वॉर्ड नंबर 4 में भर्ती अरुणा शानबाग की मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें निमोनिया के चलते आईसीयू में रखा गया था।
कहानी - उदासी का कोना

कहानी - उदासी का कोना

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कई पुस्तकों का लेखन किया है, जिनमें ‘संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध, ‘तीसरा रुख’, ‘विचार का अनंत’, ‘शिवदान सिंह चौहान’, ‘कबीर : साखी और सबद’, ‘मजबूती का नाम महात्मा गांधी’ (गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के वार्षिक भाषण का पुस्तक स्वरूप) 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' प्रमुख हैं। प्रो॰ अग्रवाल की पुस्तक 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय' बहुत चर्चित पुस्तक रही है। वह एक प्रखर चिंतक और आलोचक हैं। उनका यात्रा-वृत्तांत ‘हिंदी सराय : अस्त्राखान वाया येरेवान' प्रकाशित हुआ है।
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