18 मई को हजारीबाग (बिहार) में जन्म। हिंदी में स्वर्ण पदक के साथ गोवा विश्वविद्यालय से एम ए। अनकही, तुम्हें छू लूं जरा, खारा पानी, कायान्तर (कहानी संग्रह)। औरत जो नदी है, साथ चलते हुए और इकबाल (उपन्यास)। तम्हारे लिए (कविता संग्रह)। आकाशवाणी से रचनाओं का नियमित प्रसारण। कहानियों के लिए युवाकथा सम्मान (सोनभद्र) 2012
तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की सफलता का आनंद ले रहे अभिनेता आर. माधवन ने बांग्ला फिल्म उद्योग कॉलीवुड और बॉलीवुड में अपने लिए जगह तो बना ली लेकिन उनका मानना है कि उन्होंने अभी भी हिंदी फिल्म निर्माताओं को अपनी वास्तविक क्षमता नहीं दिखाई है।
‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
बॉलीवुड के बैड बॉय की छाप से लेकर फिल्म उद्योग में राज करने वाले सुपरस्टार बनने तक का सलमान खान का सफर अपने साथ जितनी परेशानियां लाया, उतनी ही सौगातें भी लाया। 49 वर्षीय सलमान को बुधवार को मुंबई की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।
ईवलीन शर्मा बॉलीवुड के लिए जाना-पहचाना नाम भले न हो लेकिन अनजान भी नहीं है। ईवलीन की पहली फिल्म, ‘ये जवानी है दीवानी’ और दूसरी फिल्म, ‘यारियां’ से उन्होंने खूब तारीफ बटोरी थी