प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। किसी भी सार्वजनिक बैठकों में स्टेज, तंबू, मंच या किसी अस्थाई ढांचे के इस्तेमाल से पहले उसकी गहन जांच होगी। फायर विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही इन्हें इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को प्रोटोकॉल देने वाली ब्लू बुक में संसोधन कर दिया है।
रेल मोर्च पर गुजरात को लेकर केंद्र की उदासीनता का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूरत में रेल मंत्री सुरेश प्रभु के गले में काला कपड़ा पहना दिया। पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा समर्थक बनकर प्रभु के पास पहुंच गए जिससे पुलिस चौंक गयी।
अगले साल एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली लागू करने की दिशा में एक बड़ी बाधा आज दूर हो गई। जीएसटी परिषद ने जीएसटी के लिये 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय कर ढांचे को आज मंजूरी दे दी। इसमें खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है जबकि सामान्य उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पर पांच प्रतिशत कर लगाया जायेगा। इससे महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगी। इसके विपरीत आलीशान कारों, तंबाकू, पान मसाला, पेय पदार्थों जैसी गैर-जरूरी वस्तुओं पर सबसे ऊंची दर से जीएसटी लगेगा। इन पर अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ उर्जा उपकर भी लगेगा जिससे कुल मिलाकर इन पर कर की दर मौजूदा स्तर पर ही रहेगी।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के लेखे और संग्रहण के प्रबंधन और नियंत्रण के लिये संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार के कार्यकाल में गठित कंपनी में निजी इकाइयाें की बहुलांश हिस्सेदारी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। स्वामी ने इस बारे में प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस कंपनी को सरकार के स्वामित्व वाले ढांचे में बदला जाना चाहिये।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज एक अध्यादेश जारी कर मामूली शुल्क की अदायगी पर अनियमित ढांचों के नियमितीकरण और 70 फीसदी तक के विचलन के नियमितीकरण का रास्ता साफ कर दिया।
माकपा नेता सीताराम येचुरी का मानना है कि मोदी सरकार देश के लोकतांत्रिक ढांचे को गिराने पर आमादा है। उनकी राय है कि भाजपा के हिंदू राष्ट्रवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को उलझाया है। इसकी आर्थिक नीतियों ने देश को कम और पूंजीवादी पाश्चात्य देशों को ज्यादा फायदा पहुंचाया है। पार्टी ने संसदीय लोकतंत्र पर हमला करते हुए देश की संवैधानिक संस्थानों का मखौल उड़ाया है।
राजस्थान के नागौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से पूर्व संघप्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मिलजुल कर काम करने की सहमति बनी। शाह ने संघप्रमुख को भरोसा भी दिलाया कि इस एजेंडे को लेकर सरकार पर दबाव भी बनाया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद ही संघ ने शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द पर भी प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव सरकार और संघ के विचारों से काफी मेल खाता है।