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किसानों में आत्महत्या बन गई है फैशन: भाजपा सांसद

किसानों में आत्महत्या बन गई है फैशन: भाजपा सांसद

भाजपा के सांसद गोपाल शेट्टी ने आज एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए किसानों की आत्महत्या को जिंदगी खत्म करने का फैशन करार दिया है। यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है कि जब कृषि संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
हर रोज ढाई हजार किसान छोड़ रहे हैं खेती

हर रोज ढाई हजार किसान छोड़ रहे हैं खेती

घाटे का सौदा होने के कारण हर रोज ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। और तो और देश में अभी किसानों की कोई एक परिभाषा भी नहीं है। वित्तीय योजनाओं, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और पुलिस की नजर में किसान की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। एेसे में किसान हितों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि कुछ ही समय बाद पेश होने वाले आम बजट में गांव, खेती और किसान को बचाने के लिए क्या पहल होगी।
विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकती है जो पांच वर्ष की सबसे तेज विकास दर होगी। इसके साथ ही भारत इस मामले में चीन से ऊपर होगा जो नरमी से गुजर रहा है। इस तेजी में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हाथ है जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा चल रहा है।
इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

इंदिरा अम्मा के नाम पर हर पेट के लिए दाना-पानी- हरीश रावत

फरवरी 2014 में उत्तराखंड के मुख्य‍मंत्री पद की कमान संभालने वाले हरीश रावत राज्य के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। लंबे समय के राजनीतिक जीवन में रावत ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद माना जा रहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो रावत को कमान मिल सकती है। लेकिन सियासी कारणों सेे रावत को देर से राज्य की कमान मिली। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जब सरकार बनी तो विजय बहुगुणा को मुख्य‍मंत्री पद दिया गया। उस समय रावत केंद्र सरकार में मंत्री थे। विजय बहुगुणा को बीच कार्यकाल से ही हटाकर हरीश रावत को राज्य की कमान दी गई। दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हरीश रावत से विभिन्न मुद्दों पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने देहरादून के बीजापुर गेस्ट हाउस में विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

दालों की बढ़ती कीमतों और दलहन आयात पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार खेसारी दाल पर 55 साल पहले लगा प्रतिबंध हटाने की कवायद में जुट गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक पैनल ने इस दाल को खाने के लिए सुरक्षित बताया है और बारे में अंतिम फैसला खाद्य नियामक एफएसएसएआई को करना है। लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े इस अहम फैसले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
सूखे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से 10 दिन में जवाब मांगा

सूखे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से 10 दिन में जवाब मांगा

देश भर में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और राज्‍य सरकाराें द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सख्‍त रुख दिखाया है। स्‍वराज अभियान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र और 11 राज्यों को अगले 10 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है।
गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

गलतफहमी फैलाने के लिए जुकरबर्ग को भी 'किसान' ही मिला!

भूखमरी और कंगाली के बीच खुदकुशी को मजबूर भारतीय किसानों की दस्‍तान पुरानी पड़ चुकी है। अब नई तस्‍वीर देखिए। देश के प्रमुख अखबारों के पहले पन्‍नों पर सपरिवार मुस्‍कुराता किसान। हाव-भाव से गरीब लेकिन चेहरे पर 'खुशहाल किसान' वाली चिर-परिचित स्‍माइल। बच्‍चा नंगे पांव लेकिन मुस्‍कान भरपूर। ये फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का किसान है जो कृषि संकट भूल नेट निरपेक्षता की बहस को निपटज्ञने का मोहरा बन गया है। ये काम भारत का किसान ही कर सकता है।
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