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जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

जीवन के आयामों का आइना पॉल की तीर्थयात्रा

तरक्की के इस दौर में, सभ्यता और आधुनिकता के बीच तालमेल बनाने की होड़ मची हुई है। इस दौर में परिवारों का ढांचा भी बदल गया है। संयुक्त परिवारों की जटिलताओं के दौर से निकलने के बाद तरक्की पसंद लोगों ने एकल परिवार की नई परिकल्पना संसार को दी थी।
बापू की पोती तारा गांधी को मिला फ्रांस का शीर्ष सम्मान

बापू की पोती तारा गांधी को मिला फ्रांस का शीर्ष सम्मान

महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी को शांति को बढ़ावा देने, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास में उनके योगदान के लिए फ्रांस के शीर्ष सम्मानों में से एक द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स से नवाजा गया है।
छुपा रुस्तम अर्जुन

छुपा रुस्तम अर्जुन

अब तक जो लोग अर्जुन कपूर को गंभीरता से नहीं ले रहे थे अचानक उन लोगों की दिलचस्पी अर्जुन कपूर में हो गई है। अब फिल्मी दुनिया उन्हें छुपा रुस्तम मान रही है।
समीक्षा – की एंड का

समीक्षा – की एंड का

निर्देशक आर बाल्की की नई फिल्म की एंड का देख कर यह तो समझ में आता है कि आर. बाल्की दूर तक सोचते हैं और बहुत गहरा सोचते हैं।
अरसे बाद स्वरूप संपत परदे पर

अरसे बाद स्वरूप संपत परदे पर

लंबा वक्त बीत गया है जब रंगकर्मी और गुजराती फिल्मों का जाना-पहचाना नाम स्वरूप संपत परदे पर आई थीं। यह जो है धारावाहिक की संपत लंबे अर्से बाद हिंदी फिल्मी परदे पर नजर आएंगी।
ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और केट 10 अप्रैल को आएंगे भारत

ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और केट 10 अप्रैल को आएंगे भारत

ब्रिटेन के राजकुमार विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन अपने पहले दौरे पर 10 अप्रैल को भारत पहुंच रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान उनका प्रेम की खूबसूरत निशानी ताज महल का भी दीदार करने का कार्यक्रम है।
मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

मुट्ठी के मुहाने पर तरक्की का आसमान

‘शाश्वत विकास से हरियाली, स्वच्छ वातावरण, सभी के लिए समृद्धि, युद्ध के भयरहित शांति और विश्व में सभी देशों में सभी नागरिकों के लिए खुशनुमा स्थान को प्राप्त करने का सामर्थ्य मिलता है।’ स्वर्गीय डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के यही वे आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने 17 जुलाई 2015 को शिलांग के एक व्याख्यान में कहे थे।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
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