अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की नाराजगी से बचने के लिए भारतीय प्रशासकों ने नई प्रस्तावित राष्ट्रीय संस्था को भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) का नाम देने पर सहमत होकर संभवत: समझौता कर लिया है।
अब तक भारत के किसी भी मुक्केबाज ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं किया है। लेकिन इस बार अगर मुक्केबाज इसमें जगह बना भी लेते हैं तो भी अगले महीने के एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स तक नए राष्ट्रीय महासंघ का गठन नहीं होने की स्थिति में उन पर इस साल के रियो ओलंपिक खेलों से बाहर रहने का खतरा मंडरा रहा है।
15 साल की उम्र में अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म मैं इंतकाम लूंगा देखकर मुक्केबाजी रिंग में उतरे कमल कुमार वाल्मीकि ने जिला और प्रदेश स्तर पर कई पदक जीते और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया। लेकिन एक सफाई कर्मचारी का यह होनहार मुक्केबाज बेटा पैसों की तंगी के कारण आगे नही खेल सका और अब यह अपने मुक्केबाजी के करियर के सपनों को दफन कर रोजी रोटी के लिये 4200 रूपये प्रति माह पर कूड़ा-गंदगी उठा रहा है।
दुनिया की सबसे अमीर खेल संस्था इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा ) भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण संकट में है लेकिन पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बतौर अध्यक्ष सेप ब्लास्टर बेफिक्र हैं। फीफा के चुनाव में पहले से ही जीत के प्रति आश्वस्त ब्लास्टर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यूरोपियन फुटबॉल फेडरेशन (यूईएफए) जैसा प्रभावशाली संघ और कई सारे प्रायोजक उन्हें हटाने पर आमदा हैं। भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) में अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को हटाने के लिए कुछ ऐसी ही उठापटक चल रही है और आईओए कई खेमों में बंट गया है।
कांटे के मुकाबले में मेवेदर ने पैकियाओं को मामूली अंतर से हराया। लगातार 48वीं जीत के साथ वने विश्व विजेता। मेवेदर के नाम हुई 1200 करोड़ रुपए की ईनामी राशि, जो डेविड बेक्हम के पूरे करियर की कमाई के बराबर है। पैकियाओ पर शुरुआत से ही हावी रहे 38 साल के मेवेदर लेकिन पैकियाओ ने भी उन्हें कड़ी टक्कर दी।