रातोरात अरविंद केजरीवाल गुजरात के पटेल-पाटीदार समाज की पगड़ी पहनकर उनके उद्धारक बन गए। पंजाब में वह गुरुद्वारे में ‘कार सेवा’ करके सिख समुदाय का नेतृत्व करने की भूमिका बना रहे थे।
सावधान स्टार हों या नामी खिलाड़ी। कानून का प्रारूप बन गया है। संसद से औपचारिक स्वीकृति के बाद भारी जुर्माना होना तय है। जेल की सजा का प्रस्ताव फिलहाल लटका हुआ है। कारण है- करोड़ों लोगों के दिल-दिमाग को लुभाने वाले कलाकार या खिलाड़ी भ्रामक विज्ञापनों का चेहरा बनकर मार्केटिंग में शामिल होंगे, तो नए कानून के तहत 50 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा और फिर भी ‘अपराध’ जारी रखने पर आजीवन किसी विज्ञापन में नहीं दिखने की सजा दे दी जाएगी।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के उल्लंघन का दोषी पाया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच में पाया है कि सरकारी खर्चे पर राज्य के बाहर आम आदमी पार्टी का प्रचार किया गया।
रिलायंस जियो के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कोई डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
अगर कोई सेलिब्रिटी भ्रामक विज्ञापन करता है और उससे आम लोगों का नुकसान होता है तो इस सेलिब्रिटी को सजा मिलेगी। केंद्र सरकार ने ऐसा ही मसौदा तैयार किया है जिसके तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी पर 50 लाख रूपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा हो सकती है। इस मसौदे को मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालय पैनल में विचार के लिए रखा जाएगा।
भ्रामक विग्यापन करने वाली हस्तियों यानी सेलिब्रिटी पर जवाबदेही तय करने संबंधी एक नये मसौदा विधेयक पर कल विचार किया जाएगा। इस मसौदे के तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्ती पर 50 लाख रुपये जुर्माने व पांच साल की जेल की सजा रखी जा सकती है।
मिंत्रा की वेबसाइट पर एक विज्ञापन चल रहा है, चीरहरण से बचने के लिए द्रोपदी कृष्ण को याद कर रही है, दुःशासन साड़ी खींच रहा है और द्रोपदी की लाज बचाने के लिए कृष्ण भगवान अपने स्मार्ट फोन पर मिंत्रा वेबसाइट पर द्रोपदी के लिए ‘एक्सट्रा लॉन्ग साड़ी’ खरीद रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शब्द बाणों की लड़ाई शुरू हो गई है। बाण भी ऐसे-वैसे नहीं सांप्रदायिकता के जहर बुझे। मेरठ के सरधना में भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम ने ऐसा ही भड़काऊ भाषण देकर माहौल गर्म कर दिया है।
केंद्र सरकार की नई विज्ञापन नीति के विरोध में आज देशभर से लगभग 500 से अधिक अखबार मालिक और संपादक दिल्ली के जंतर-मंतर पर इक्ट्ठा हुए। अखबार बचाओ मंच बैनर के तहत आज तय किया गया कि सरकार को इस नीति के तहत छोटे अखबारों के खिलाफ तमाम फैसले वापस लेने होंगे।