पूर्व विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद को भरोसा है कि 2016 में मिश्रित सफलता के बाद वह वापसी करने में सफल रहेंगे और उन्होंने कहा कि वह इस साल ग्रैंड चेस टूर और विश्व कप में हिस्सा लेंगे। ग्रैंड चेस टूर में इस साल पांच टूर्नामेंट होंगे।
झारखंड भाजपा के प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री होंगे। वे 18 मार्च को शपथ लेंगे। विधायकों की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से इस बार उन्होंने कांग्रेस के सीनियर लीडर हीरा सिंह बिष्ट को 24,869 वोटों से हराया है। वह उत्तराखंड में कृषि मंत्री रह चुके हैं।
आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पीटर हैंड्सकोंब ने आज अपनी गलती स्वीकार की कि उन्होंने दूसरे टेस्ट के चौथे दिन कप्तान स्टीव स्मिथ के उमेश यादव की गेंद पर पगबाधा आउट होने के बाद उन्हें ड्रेसिंग रूम से संकेत लेने को कहा था। भारत ने यह टेस्ट 75 रन से जीता।
मेरा बेटा 26 दुश्मनों को मारने के बाद शहीद हुआ था। जब यह घटना घटी उस वक्त केंद्र में सरकार भाजपा की थी। उस दौरान हमसे कई तरह के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं हुए और आज जब मेरी पोती गुरमेहर को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है तब भी सरकार भाजपा की है। यह दर्द है रामजस विवाद में चर्चा आई गुरमेहर कौर के दादा कंवलजीत सिंह का।
सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को अदालत द्वारा रोक दिए जाने पर राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यायपालिका की आलोचना तेज कर दी है और कहा है कि यदि कुछ होता है तो उसका दोष संघीय न्यायाधीश और अदालत पर लगाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गांधीनगर में कई देशों के प्रमुखों और मंत्रियों से मुलाकात की और द्विपक्षीय बातचीत की। ये नेता वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां पहुंचे हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर बिपिन रावत को आर्मी चीफ बनाए जाने के सरकार के फैसले का रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जोरदार ढंग से बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि अगर वरिष्ठता पर ही फैसला करना होता तो रक्षा मंत्री का क्या काम होता, यह काम तो कंप्यूटर का होता। इस बीच सरकार ने संकेत दिया है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद अमेरिका की तर्ज पर नहीं होगा।
नए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान को दो टूक संदेश दिया है। बिपिन रावत ने कहा है कि हमारा देश और सेना अमन और शांति चाहती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम कमजोर हैं और अगर जरूरत आई तो अपनी ताकत का इस्तेमाल करने में कभी पीछे नहीं हटेंगे।