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इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

यह लेखिका की पहली किताब है और इस किताब से पहले इसका शीर्षक पास खींचता है। यह भले ही पहली किताब हो लेकिन कहीं कोई कच्चापन नहीं है। अनुभव के की आंच पर पकी यह पुस्तक पठनीय है।
शाहरूख के जीवन का अर्धशतक

शाहरूख के जीवन का अर्धशतक

अभिनेता शाहरूख खान आज 50 साल के हो गए हैं। इस मौके पर उनके मित्रों एवं साथियों ने इस जोशीले सुपर स्टार को बधाई दी और उनके दिन को खास बना दिया।
चिरंजीवी की षष्ठीपूर्ति

चिरंजीवी की षष्ठीपूर्ति

साठवां जन्मदिन किसी के लिए भी मायने रखता है। और फिर यह जन्मदिन दक्षिण भारत के सुपरस्टार चिरंजीवी का हो तो बात खास हो ही जाती है।
राहुल गांधी के जन्‍मदिन पर प्रधानमंत्री ने दी बधाई

राहुल गांधी के जन्‍मदिन पर प्रधानमंत्री ने दी बधाई

राहुल गांधी आज 45 साल के हो गए हैं। भारतीय राजनीति में पैर जमाने के लिए पूरे उत्‍साह से जुटे राहुल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जन्‍मदिन की बधाई दी है।
खास अंदाज में मनाया राहुल ने अपने जन्मदिन को

खास अंदाज में मनाया राहुल ने अपने जन्मदिन को

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अपना ४५वां जन्मदिन कुछ खास अंदाज में मनाया। राहुल के सांसद बनने के बाद यह पहला अवसर था कि उन्होने अपना जन्मदिन दिल्ली में मनाया। नहीं तो हर साल राहुल दिल्ली से बाहर रहे और कांग्रेसी कार्यकर्ता मायूस रहे। लेकिन इस बार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह रहा और राहुल ने भी उन्हें निराश नहीं किया।
मम्मा की डायरी के बहाने

मम्मा की डायरी के बहाने

इंडिया हैबिटेट सेंटर का केसोरिना हॉल। जब हम पहुंचे तो हॉल में गिनती के लोग। देखते ही देखते हॉल में बच्चों की शैतानियां शुरू हो गईं। मम्मियों की आंखें लाल होने लगीं और इस सबके बीच सज गया मंच, ‘मम्मा की डायरी’ पर बातों के लिए। नताशा ने संचालन का जिम्मा उठाया और लेखिका अनु सिंह चौधरी ने बातों की भूमिका बांधी। एक सवाल के साथ, ‘मैं मां न होती तो न जाने क्या होती?’ औपचारिक शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की बनाई फिल्म, ‘आओगी न मां’ से हुई। संवाद के तौर-तरीके चिट्ठी-पत्री से बदल कर ईमेल तक पहुंचे।
नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल में क्षमता है कि वह दक्षिण एशिया के राष्ट्र-राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सके। लेकिन यदि गहरे इतिहास को छोड़ दें तो आधुनिक युग में निरंतर राजनीतिक और प्राकृतिक दुर्घटनाओं ने नेपाल के लोगों के उत्साह और प्रयासों पर पानी फेरा है। इस साल 2015 में नेपाल का महाभूकंप इस देश के लिए एक अवसर प्रदान करता है।
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