ढोल बजाकर लोगों को ‘सहरी’ में उठाने वाले ‘सहरख्वां’ ने रमजान की सदियों पुरानी परंपरा को जीवित रखा रमजान के महीने के आगाज़ के साथ ही कश्मीर के शहरों और कस्बों में ‘सहरख्वां’ भी आने लगे हैं जो ढोल... MAR 09 , 2025