वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक 14,894 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं। 2,722 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी तथा 47,469 करोड़ रुपये आईजीएसटी के रूप में जुटाए गए हैं।
स्वराज इंडिया ने दावा किया कि देश में नोटबंदी से प्रभावित किसानों को कोई राहत नहीं देने सहित केन्द्रीय बजट में महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों पर घोषणाओं के अभाव के चलते सरकार की उदासीनता और हेकड़ी भलकती है।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
हरियाणा में राजस्व विभाग के रिकॉर्ड की खामी की वजह से एक किसान की अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसी दूसरे को दे दिया गया। अब आठ साल बाद जाकर अधिकारियों ने अपनी गलती मानी है और जल्द मुआवजा दिलाने की बात कही है।