केरल की सरकार ने आज कहा है कि वह 10 अप्रैल को कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर में हुई भीषण आग त्रासदी का शिकार बने लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र से 117 करोड़ रूपए की मदद मांगेगी। इस त्रासदी में 108 लोग मारे गए थे।
केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच फरार सदस्यों ने आज तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य में किसी मंदिर में हुए अब तक के सबसे भयंकर हादसे में 109 लोगों की जान चली गई।
कोल्लम के निकट मंदिर में हुए हादसे को लेकर सख्त केरल उच्च न्यायालय ने राज्य में पूजा स्थलों के आसपास तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर प्रतिबंधित लगा दिया। वहीं रविवार को पुत्तिंगल मंदिर हादसे के सिलसिले में मंदिर प्रबंधन समिति के सात सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हादसे में अब तक 112 लोगों की मौत हो गई है।
दुनिया के किसी धार्मिक ग्रंथ में उपासना केंद्र में आतिशबाजी, मादक पदार्थों के सेवन और चोरी-हत्या की शिक्षा नहीं दी गई है। हर धर्म के उपासना केंद्र सर्वशक्तिमान के प्रति सम्मान, ध्यान, मानसिक शांति, संपूर्ण मानव समाज और बहुत हद तक प्राणी मात्र के लिए दया, करुणा, ममता, सहायता की प्रार्थना के केंद्र माने जाते हैं।
केरल में कोल्लम के पास स्थित 100 वर्ष पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में आज आतिशबाजी के दौरान लगी भीषण आग से अब तक 100 लोगों की मौत हो गई और करीब 400 अन्य घायल हो गए। घटना के कुछ ही घंटों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।