दुनिया के सबसे ताकतवर रेडियो दूरदर्शी का इस्तेमाल करते हुए खगोलविदों ने करीब 208 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक पुराने और खत्म हो रहे तारे का अवलोकन किया, जिससे इस बात को समझने में मदद मिल सकती है कि कुछ अरब वर्षों बाद पृथ्वी कैसे खत्म होगी।
तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्म कितना भी घातक हो, वक्त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।