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गणतंत्र दिवस: युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’, 'प्रलय' मिसाइल का पहली बार प्रदर्शन किया जाएगा

ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश समेत कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियां कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह...
गणतंत्र दिवस: युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’, 'प्रलय' मिसाइल का पहली बार प्रदर्शन किया जाएगा

ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश समेत कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियां कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा होंगी। सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और डीआरडीओ की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ पहली बार परेड में प्रदर्शित की जाएंगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

भारत 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर अपनी सैन्य शक्ति और जीवंत सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करेगा तथा फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 40 विमान और भारतीय तटरक्षक बल के तीन डोर्नियर विमान शामिल होंगे।

दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड कमांडर होंगे, जबकि ‘परेड सेकंड-इन-कमांड’ दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) मेजर जनरल सुमित मेहता होंगे।

परेड की ‘फुल ड्रेस रिहर्सल’ पूरी होने के तुरंत बाद यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में मेजर जनरल मेहता ने कहा कि इस भव्य समारोह में अनेक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म, विभिन्न प्रकार की जीवंत झांकियों के साथ-साथ देश की समृद्ध विरासत के साथ भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा।

टी-90 ‘भीष्म’ टैंक, ब्रह्मोस और पिनाका मिसाइल प्रणाली, आकाश अस्त्र प्रणाली, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर, नाग मिसाइल प्रणाली, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल) का परेड में प्रदर्शन किया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ जैसे प्लेटफॉर्म को नाम देते समय किन कारकों को ध्यान में रखा गया था, दिल्ली क्षेत्र के सीओएस ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के तहत पहले जो विशेष वाहन बनाए गए थे, उनमें उनकी क्षमताएं झलकती थीं। हमने उन्हें नाम दिए हैं, पहले उनका नामकरण नहीं किया गया था। जब उनका नामकरण किया जा रहा था, तो नामों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी ध्यान में रखा गया।’’

मेजर जनरल मेहता ने कहा कि युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ‘प्रलय’ शस्त्र प्रणाली पहली बार परेड में दिखाई देगी।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व एक घुड़सवार टुकड़ी, आठ मशीनीकृत टुकड़ियां और छह मार्चिंग टुकड़ियां करेंगी।

घुड़सवार टुकड़ी का प्रतिनिधित्व 61 कैवलरी द्वारा किया जाएगा। मार्चिंग कॉलम में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट, जेएंडके लाइट इन्फैंट्री (जेएकेएलआई) रेजिमेंट और कोर ऑफ इंजीनियर्स की टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य विषय संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ है तथा झांकी का विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है।

विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सोलह झांकियां और केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां परेड का हिस्सा होंगी।

रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसके अलावा डीआरडीओ की एक झांकी भी होगी, जिसका विषय ‘रक्षा कवच - बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण’ होगा।

मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा।

परेड से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

दिल्ली क्षेत्र के सीओएस ने संवाददाताओं को बताया कि परेड सुबह 10:30 बजे शुरू होगी और 90 मिनट तक जारी रहेगी, जो भारत की विरासत और विकास की यात्रा को दर्शाएगी।

उन्होंने बताया कि सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-295, सी-17 ग्लोबमास्टर, पी-8आई, मिग-29, एसयू-30 सहित अन्य विमान भी समारोह में भाग लेंगे।

 

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