जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच करीब नौ अरब पौंड के व्यापारिक समझौते हुए। अपने दौरे में पीएम ने ब्रिटेन के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। पीएम ने उद्योग जगत की हस्तियों को संबोधित कर भारत के आर्थिक विकास के लिए अपने सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की। पीएम का दौरा हालांकि अब तक सफल रहा है लेकिन पीएम मोदी के विरोध के स्वर अब भी उठ रहे हैं। हालिया दिनों में भारत में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन सहित करीब 46 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन को पत्र लिखकर मोदी के समक्ष इन मुद्दों को उठाने की मांग की है।
पिछले दो सप्ताह के दौरान यूरोप के दो बड़े देशों पर वामपंथ का रंग चढ़ता नजर आया। ब्रिटेन में हाथिये पर समझी जाने वाली वामपंथी और समाजवादी विचारधारा ने जबरदस्त तरीके से वापसी के संकेत दिए तो यूनान में वामपंथ का जादू एक बार फिर चला।