सरकार देश में आतंकवाद और कानून व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट में फिर एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में 66ए के तहत इंटरनेट सुविधा पर नजर रखने का प्रावधान 2008 में किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में यह धारा इस आधार पर रद्द कर दी थी कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी का अतिक्रमण होता है।