भारत ने पर्यावरण संरक्षण की अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए अपनी स्वीकृति दे दी। निश्चित रूप से भारत में हजारों वर्षों से प्रकृति की देन वन, जल, वायु के प्रति गहरा सम्मान रहा है और उनसे जुड़े देवताओं के नाम लेकर पेड़-पौधे, नदी, पवन की धार्मिक दृष्टि से पूजा-अर्चना होती रही है। लेकिन सरकार और समाज घातक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार आतिशबाजी के बढ़ते उपयोग को निरंतर अनदेखा कर रहे हैं।