राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गुजरात के कांग्रेसी विधायकों को बेंगलुरु में ठहराने वाले मंत्री के कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है।
कूचबिहार के चालसा के जिस रिसोर्ट में रुककर मतदान के आखिरी चरण पर नजर रही थीं, वहां से अचानक वे निकल गईं। राजनीति में `अनप्रेडिक्टेबल’ कही जाने वाली ममता बनर्जी ने अपने स्वभाव के अनुसार यह कदम नहीं उठाया। बल्कि, वहां चुनाव पर्यवेक्षक के पहुंचने और कांग्रेस के नेताओं द्वारा उस रिसोर्ट के प्रबंधकों को बार-बार फोन किए जाने के चलते दीदी वहां से बगैर किसी को जानकारी दिए निकल गईं।
शुरू में ममता बनर्जी ने योजना बनाई थी कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कम से कम हफ्ता भर के लिए दीघा जाएंगी। समुद्र के किनारे छुट्टियां बिताएंगी। मतगणना होने तक वहीं से शासन चलाएंगी। लेकिन आखिरी वक्त में योजना बदल दी। वे कूचबिहार के चालसा के रिसोर्ट चली गईं। वहां से गुरुवार को बंगाल में आखिरी चरण के मतदान के दौरान राजनीतिक रूप से दांव पर लगी सीटों पर व्यक्तिगत रूप से खोज-खबर लेती रहीं। खासकर, उनकी नजर कूचबिहार की नौ और पूर्व मेदिनीपुर की 16 सीटों पर रहीं। इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है।