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Search Result : "वनमाली सृजनपीठ"

दर्ज है समय का विवरण

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भोपाल के वनमाली सृजनपीठ ने हरि भटनागर के नए उपन्यास एक थी मैना एक था कुम्हार पर समीक्षा संगोष्ठी आजोजित की। इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार-नाटककार असगर वजाहत ने अपने विचार व्यक्त किए।
वनमाली स्मृति व्याख्यानमाला

वनमाली स्मृति व्याख्यानमाला

‘कभी जीवन का सर्वांगीण विकास करने वाली शिक्षा आज तरक्की के नाम पर पूंजीवाद की गिरफ्त में है। संस्कारों की पहली पाठशाला घर-परिवार थे, जो अब सन्नाटे फांक रहे हैं और पाठशालाएं गोडाउन बन गई हैं जहां बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। मुनाफे का सौदा बन चुकी शिक्षा का आदर्श अब बाजार के बीहड़ में बिला गया है।’ फिल्म समीक्षक और चिंतक जयप्रकाश चौकसे ने इस आशय के विचार खंडवा में आयोजित वनमाली व्याख्यानमाला में व्यक्त किए।
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