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‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

‘हुकूमत की खामोशी मायूसी पैदा करती है’

जमीअत-उलमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह में उपराष्ट्रपति समेत देश की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इनमें सियासतदान, धार्मिक नेता, कई मुल्कों के राजदूत और देश के गणमान्य लोग शामिल थे।
'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

देश में इस समय बहुत ही अलोकतांत्रिक माहौल है। मेरा मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में हर इंसान को अपनी बात कहने का हक है। पंजाब की समस्याएं किसी से ढकी-छिपी नहीं हैं। कौन नहीं जानता कि पंजाब और पंजाबियत को ड्रग्स माफिया ने बरबादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह समस्या कोई आज की नहीं है। बीते 30 सालों से पंजाब नशे की गिरफ्त में है। जिस भी हुकूमत ने पंजाब पर राज किया, उसके सिपहसालार नशों के कारोबार से वाकिफ रहे हैं लेकिन अफसोस कि कोई हुकूमत इस पर शिकंजा नहीं कस पाई। सियासतदानों की नाक के नीचे यह कारोबार फलता-फैलता रहा।
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