यह पहल साइबर अपराध से निपटने की दिशा में रोडमैप तैयार करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई एक रिपोर्ट के बाद की जा रही है। समिति की सिफारिशों के अनुसार बच्चों और महिलाओं के खिलाफ होने वोल अपराधों खासकर आॅनलाइन उत्पीड़न पर अंकुश लगाने की जरूरत है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इस तरह की सामग्री और वेबसाइटों की निगरानी और उन्हें बंद करने की जरूरत है। इसके साथ-साथ सहायक कानूनों को मजबूत करने की जरूरत है। अभिभावकों को साइबर जगत पर बच्चों की गतिविधियों की निगरानी के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें बच्चों को साइबर जगत में अच्छे व्यवहार को लेकर शिक्षित करना चाहिए।
समिति की सिफारिशों के अनुरूप चाइल्ड पॉनोग्राफी और आॅनलाइन उत्पीड़न समेत सभी तरह के साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत सेभारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र यानी आईसी4 की स्थापना की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही समिति की सिफारिशों के तेज कार्यान्वयन के लिए निर्देश दे चुके हैं।
एक आधिकारिक आकलन के अनुसार पिछले दो-तीन साल में देश में साइबर अपराधों में सालाना 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आईसी4 के मुख्य उद्देश्यों में साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक नोडल प्वाइंट और साइबर अपराध की सक्रिय निगरानी के साथ विधि प्रर्वतन एजेंसियों के लिए एक तत्काल चेतावनी प्रणाली के तौर पर काम करना शामिल है। आईसी4 एक सार्वजनिक मंच भी उपलब्ध कराएगा जहां पीडि़त साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।