बीसीसीआई की 30 में से 24 इकाइयों में ऐसे प्रशासक हैं जो डिस्क्वालीफाई हो गए हैं या उन्हें अनिवार्य ब्रेक में जाना पड़ा है और पता चला है कि इन्होंने बैठक करके अपने भविष्य पर चर्चा की।
लोढा समिति के करीबी एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही बीसीसीआई को लिख दिया है कि वे लोढा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू कर रहे हैं। इसलिए अगर 24 व्यक्ति जो अब अधिकृत नहीं हैं भारत में कहीं बैठक करते हैं तो किसी को उसके बारे में नहीं सोचना चाहिए। वे व्यक्ति अपनी निजी क्षमता से गए हैं। वे अधिकारी जो गए हैं वे उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार डिस्क्वालीफाई हैं।
कुछ संघों के अपने स्टेडियमों में मैच कराने की स्वीकृति नहीं देने की खबरों पर स्वयं जाने माने कानूनी विशेषज्ञ इस सूत्र ने कहा, यह हैरानी भरा है कि ऐसे व्यक्ति जो बीसीसीआई से अब जुड़े नहीं है वे ऐसे दावे कर रहे हैं और वह भी उस सुविधा के बारे में जो सरकारी और बीसीसीआई की जमीन पर बनी है। यह व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है।
इससे पहले श्रीनिवासन और ठाकुर के अलावा उच्चतम न्यायालय द्वारा बर्खास्त पूर्व सचिव अजय शिर्के, संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने भी बैठक में हिस्सा लिया। आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
जिन छह संघों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया उसमें रेलवे, सेना और विश्वविद्यालय जैसे संस्थानिक संगठनों के अलावा राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब, विदर्भ सीए और डीडीसीए शामिल हैं।
एक राज्य संघ के अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, हां, यह अनौपचारिक बैठक थी। ठाकुर और श्रीनिवासन का रवैया एक दूसरे के प्रति काफी सौहार्दपूर्ण था। बेशक मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई। श्रीनिवासन ने पूछा कि हम सब एकजुट हैं या नहीं। यहां तक कि ठाकुर भी समभुाते हैं कि उन्हें श्रीनिवासन अब अपने साथ चाहिए। 24 में से 18 अब भी श्रीनिवासन के समर्थक हैं। भाषा