बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) और उसके रजिस्टर्ड खिलाड़ियों पर बीसीसीआई कार्रवाई कर सकता है। बोर्ड के कहने के बाद भी बीसीए ने आईपीएल के तर्ज पर अनाधिकृत बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) का आयोजन नहीं रोका। टी20 लीग का आयोजन 20 से 26 मार्च के बीच पटना में किया गया था। टूर्नामेंट में पांच टीमों ने हिस्सा लिया था। दरभंगा डायमंड्स की टीम विजेता रही थी।
बीसीसीआई ने 24 मार्च को पत्र भेजकर बीसीए से कहा था कि उसकी टी20 लीग को मंजूरी नहीं मिली है और उसे तुरंत इसे रोकना चाहिए। बीसीए के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और टूर्नामेंट का आयोजन जारी रखा। बोर्ड ने पत्र में लिखा था कि अगर बीसीए टूर्नामेंट को रद्द नहीं करता है तो उसे बोर्ड के संविधान के अनुसार प्रतिबंध झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। यानी आने वाले दिन एसोसिएशन के लिए मुश्किल भरे हो सकता हैं। बीसीएल 2021 को एलीट स्पोर्ट्स नाम की एक निजी कंपनी द्वारा आयोजित किया गया था।
इसके शीर्ष अधिकारियों में से एक, निशांत दयाल ने आउटलुक को बताया था कि बीसीए बीसीसीआई के साथ 'बातचीत' कर रही थी। दयाल अपने दावे को को लेकर कोई ठोस बात नहीं कह पाते हैं। इस टूर्नामेंट का उद्घाटन पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव और राज्य के राज्यपाल फागु चौहान ने किया था। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की अध्यक्षता राकेश कुमार तिवारी ने की है, जिनका कार्यकाल विवादास्पद रहा है। सूत्रों का कहना है कि करोड़ों का लेन-देन किया गया और तिवारी ने बीसीएल को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
इसमें कहा गया, “हम बिहार राज्य में क्रिकेट संस्कृति तैयार करने के बीसीए के प्रयासों की सराहना करते हैं और आपको आश्वस्त करते हैं कि बीसीसीआई नियमों के तहत बीसीए का सहयोग करेगा। इसलिए बीसीसीआई आपको टी20 घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट (बीसीएल) रद्द करने का निर्देश देता है।“पत्र में कहा गया था, "अगर बीसीए इस टी20 टूर्नामेंट को रद्द नहीं करता तो इसे बीसीसीआई के नियम और दिशा-निर्देशों के अनुसार गैरमान्यता प्राप्त टूर्नामेंट माना जाएगा।" बीसीएल से जुड़े खिलाड़ियों और अधिकारियों को अब सजा का सामना करना पड़ सकता है। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, 'शीर्ष परिषद उचित कार्रवाई करेगी जिसमें वित्तीय लाभ के निलंबन और ठहराव और ऊपर उल्लिखित व्यक्तियों / सदस्यों के खिलाफ कोई अन्य कार्रवाई शामिल है। "