बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने आईपीएल पर आधारित बीसीएल का पहला सीजन 20-26 मार्च तक पटना में आयोजित किया था, जिस पर काफी बवाल मचा था और बीसीसीआई ने तलब भी किया था। इस बीच अब इसके दूसरे सीजन को आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। बीसीएल-2021 के आयोजन करने वाली कंपनी एलीट स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के निशांत दयाल ने आउटलुक को बताया है कि बीसीए जल्द ही बीसीसीआई को पत्र लिखकर अनुमति की मांग करेगी। मालूम हो की लीग के पहले सीजन को भारतीय क्रिकेट बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली थी। दयाल ने कहा है, "बीसीसीआई के साथ सभी गलतफहमी को सुलझा लिया गया है। हमें इस बार कोई समस्या नहीं दिख रही है।"
भले ही बीसीसीआई शुरू में सख्त रूख अपनाया था हालांकि, इसके बावजूद बीसीसीआई बीसीए के प्रति नरम रहा हो। लेकिन, यदि पटना के गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करने से टी-20 लीग के आयोजकों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच शुरू हो जाती है तो फिर ये बीसीएल के आयोजन में बाधा बन सकता है। नालंदा जिले के क्रिकेटर आनंद प्रकाश द्वारा दर्ज प्राथमिकी में लीग के वित्तीय संचालन, टीम के मालिकों की साख और उनके और बीसीए मालिकों के बीच लेनदेन की जांच की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने नालंदा जिलाधिकारी कार्यालय को एफआईआर भेज दी है। वहीं, सीएम नीतीश कुमार भी नालंदा जिले से आते हैं। बीसीए के कानूनी प्रमुख जगन्नाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें एफआईआर की जानकारी है। जाने-माने वकील जगन्नाथ सिंह ने स्पष्ट किया है कि अंनत प्रकाश "टूर्नामेंट पर सवाल पूछने के अपने अधिकार के दायरे में हैं।"
जगन्नाथ सिंह ने कहा, "जहां तक बीसीए का सवाल है, ये सुनिश्चित करना मेरा काम है कि कोई भी गैरकानूनी काम न हो। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि किसी भी तरह की हेराफेरी की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।"
खासकर जब से बीसीए का बैंक ऑफ इंडिया में आधिकारिक खाता समूहों के बीच अंदरूनी कलह के कारण फ्रीज कर दिया गया है, बीसीएल के मॉनेटरी ट्रांजेक्शन पर कई सवाल उठे हैं।
बिहार क्रिकेट लीग का एक नया खाता एक निजी बैंक (एचडीएफसी) में खोला गया था और बीसीए के बड़े लोगों के जरिए साथ देने वाले अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता था। अब तक पुलिस का एफआईआर को लेकर काफी ढुलमुल रवैया रहा है। संपर्क करने पर, गांधी मैदान पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने कहा कि मामला "हमलोगों के लिए नहीं है" और तुरंत फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
पटना के सीनियर एसपी उपेंद्र शर्मा और बिहार पुलिस के डीजी एसके सिंघल जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। मामले में प्राथमिकी 9 जून को दर्ज की गई है। एसके सिंघल ने कहा, "बिहार में हर दिन इतनी एफआईआर दर्ज की जाती हैं, सभी शिकायतों को ट्रैक करना संभव नहीं है।" उन्होंने कहा, "बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इन-फाइटिंग से अपंग हो गया था और ये मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है।"
बीसीएल के आयोजन के पीछे निशांत दयाल का दिमाग है। दयाल ने दर्ज प्राथमिकी को "फर्जी" करार दिया है। इस बीच, आउटलुक से बात करने वाले कई खिलाड़ियों ने कहा कि उन्हें अभी तक बीसीएल में खेलने के लिए उनकी फीस का भुगतान नहीं किया गया है। अधिकांश खिलाड़ियों के पास कोई वैध अनुबंध नहीं है।
भागलपुर बुल्स के एक सदस्य ने कहा, "मैंने अभी कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर किए हैं। मेरे पास इसकी प्रति नहीं है।" इसी तरह, पटना पायलट्स के एक खिलाड़ी ने कहा कि उनमें से कुछ को भुगतान किया गया था लेकिन कई अभी भी इंतजार कर रहे हैं। खिलाड़ियों को 10,000 से 45,000 रुपये के बीच देने का वादा किया गया था। प्रतियोगिता में दरभंगा डायमंड्स ने जीत हासिल की थी।