लॉ कमीशन ने सरकार से सिफारिश की है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के दायरे में लाया जाए। कानून मंत्रालय को बुधवार को सौंपी गई लॉ कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआइ सरकार के एक अंग के तौर पर काम करती है, इसलिए इसे आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआइ को कर की छूट और भूमि अनुदानों के तौर पर संबंधित सरकारों से अच्छा खासा वित्तीय लाभ मिलता है।
It is recommended that RTI Act be made applicable to BCCI along with all of its constituent member cricketing associations, provided they fulfill the criteria applicable to BCCI: Law Commission of India pic.twitter.com/lbf1BAcEny
— ANI (@ANI) April 18, 2018
समझा जाता है कि विश्व के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से यह सुझाव दिया गया।
बीसीसीआई को अभी तक आरटीआइ के तहत प्राइवेट बॉडी होने के कारण अभी तक छूट है। लेकिन अब कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि बीसीसीआइ को प्राइवेट क्रिकेट बॉडी के स्थान पर सार्वजनिक संस्था की तरह देखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में बनाई गई लॉ कमीशन ने यह सुझाव केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भेजा है।
अगर सरकार लॉ कमीशन की रिपोर्ट को मानती है तो बीसीसीआइ में काफी बदलाव दिख सकता है। सूचना के अधिकार के तहत आ जाने के बाद कोई भी व्यक्ति बीसीसीआइ के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
जुलाई 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कमीशन को यह बताने के लिए कहा था कि क्रिकेट बोर्ड को आरटीआइ के तहत लाया जा सकता है या नहीं।