आईपीएल का 12वां सीजन कप्तानों के लिए अच्छा नहीं जा रहा है। रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और धोनी के बाद विराट कोहली पर भी जुर्माना लगा है। वहीं अगर बात करें सबसे विवादित मामले की तो चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर तब जुर्माना लगा, जब वे बीच मैच में मैदान पर उतर आए थे और अंपायर से बहस करने लगे थे।
सीजन में सबसे पहले रोहित शर्मा पर लगा जुर्माना
अगर खिलाड़ियों पर जुर्माने की बात करें तो यह सिलसिला रोहित शर्मा से शुरू हुआ था। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा पर 30 मार्च को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मुकाबले में धीमी ओवर गति के कारण जुर्माना लगाया गया था। आईपीएल की आचार संहिता के तहत इस सीजन रोहित शर्मा की टीम की यह पहला गलती थी जिसके कारण उन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। पंजाब के खिलाफ मुंबई की टीम तय समय में 20 ओवर पूरे नहीं कर सकी थी। मुबंई को इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
अजिंक्य रहाणे भी झेल चुकें हैं जुर्माने की मार
दूसरा जुर्माना लगा था राजस्थान रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे पर। उन पर भी 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। रहाणे पर यह जुर्माना आईपीएल में 31 मार्च को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ खेले गए मैच में स्लो ओवर-रेट के कारण लगाया गया था। इस मैच में चेन्नई ने राजस्थान को 8 रन से हरा दिया था। हार के बाद मैच रेफरी मनु नायर ने अजिंक्य रहाणे को स्लो ओवर-रेट का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया था।
जब धोनी ने खोया आपा
इसके बाद आता है नो-बॉल विवाद के चलते धोनी पर लगा जुर्माना। दबाव भरे हालात में भी बर्फ जैसे ठंडे रहने वाले एमएस धोनी को बहुत कम मौकों पर आपा खोते देखा गया होगा। लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं जब धोनी को भी मैदान पर आगबबूला होते देखा गया था। 11 अप्रैल को जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स के मैच के बाद धोनी पर आचार संहिता के उल्लंघन के तहत मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया था। आईपीएल की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 के तहत धोनी ने लेवल दो की गलती स्वीकार भी कर लिया था। अनुच्छेद 2.20 खेल भावना के विपरीत आचरण से जुड़ा है।
यह था सारा माजरा
राजस्थान के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स की पारी के आखिरी ओवर से यह मामला जुड़ा है। यहां एक नो-बॉल विवाद के चलते धोनी भी मैदान पर उतर आए थे। चेन्नई सुपर किंग्स को आखिरी ओवर में 18 रनों की आवश्यकता थी। आखिरी तीन गेंदों पर चेन्नई को जीतने के लिए 8 रन चाहिए थे और मिशेल सैंटनर स्ट्राइक पर थे। स्ट्रोक्स ने एक फुल टॉस फेंकी। अंपायर उल्हास गांधे ने उसे नो-बॉल करार दिया लेकिन स्क्वेयर लेग पर खड़े अंपायर ब्रूस ऑक्सनफर्ड ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद मैदान के बीच बहस शुरू हो गई। बल्लेबाज रविंद्र जडेजा और मिशेल सैंटनर भी इसमें शामिल हो गए। धोनी भी मैदान में आ गए और वह अंपायर से बहस करने लगे। इसके बाद गेंद को सही पाया गया था। हालांकि मिशेल सैंटनर के आखिरी बॉल पर लगाए गए छक्के ने चेन्नई सुपर किंग्स को जीत दिला दी थी।
विराट कोहली पहला मैच तो जीते पर भरना पड़ा 12 लाख का जुर्माना
हाल ही में एक और मौका आया जहां शनिवार 13 अप्रैल को मोहाली में खेले गए मुकाबले में पंजाब के खिलाफ स्लो ओवर रेट के कारण विराट पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। आईपीएल की आचार संहिता के अनुसार उनकी टीम का यह पहला अपराध था। विराट की टीम को शनिवार को ही सीजन की अपनी पहली जीत भी नसीब हुई थी। टीम ने विराट और डीविलिअर्स के अर्धशतक की वजह से अपनी पहली जीत सुनिश्चित की थी।