पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के खिलाफ आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस से जुड़ने पर लगे हितों के टकराव मामले में आज सुनवाई थी। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 20 मई को होगी। तेंदुलकर के वकील अमित सिबल ने बताया कि आज हुई सुनवाई में कोई फैसला नहीं हो सका। अगली सुनवाई में सचिन तेंदुलकर को बीसीसीआई लोकपाल के सामने पेश होने की कोई जरूरत नहीं है।
सचिन तेंदुलकर के साथ-साथ वीवीएस लक्ष्मण पर हितों के टकराव का मामला चल रहा है। इनके खिलाफ मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता और बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने शिकायत दर्ज कराई थी।
क्या है मामला
आरोप है कि सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं। इसके बावजूद दोनों आईपीएल के दौरान अपनी-अपनी टीमों के साथ जुड़कर दोहरी भूमिका निभा रहे थे। सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस के साथ आइकन के रूप में जुड़े हुए हैं तो वहीं वीवीएस लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर के तौर पर काम कर रहे हैं। इससे हितों के टकराव का मामला बनता है। इन्हीं विवादों से बने हितों के टकराव मामले में बीसीसीआई लोकपाल ने दोनों पूर्व खिलाड़ियों को समन भेजा था।
सचिन ने आरोपों को बताया था निराधार
सचिन तेंदुलकर ने आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस से जुड़ने पर लगे हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया है था। उन्होंने आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा था कि मुंबई इंडियंस टीम से वह एक पैसा भी नहीं लेते हैं और वह टीम में किसी भी निर्णय के प्रक्रिया में शामिल नहीं रहे हैं। सचिन ने अपनी सफाई में कहा था कि वे क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद साल 2013 से ही मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े हुए हैं जबकि क्रिकेट सलाहकार समिति में उन्हें 2015 में नियुक्त किया गया था।