इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कोरोना वायरस के बाद क्रिकेट शुरू करने से पहले खिलाड़ियों और टीमों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों से कई खिलाड़ियों को काफी तकलीफ भी होने वाली है। कोरोना वायरस महामारी के बाद जब खेल शुरू होगा तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को अपनी कुछ आम आदतों को बदलना पड़ेगा जैसे उन्हें ट्रनिंग के दौरान टॉयलेट जाने और मैदानी अंपायरों को अपनी कैप या सनग्लास सौंपने की इजाजत नहीं होगी।
आईसीसी ने अपनी गाइडलाइंस को चार चरणों में बांटा है। पहले दौर में खिलाड़ियों को अकेले ट्रेनिंग शुरू करनी होगी। इसके बाद दूसरे चरण में 3-3 खिलाड़ियों का ग्रुप ट्रेनिंग कर पाएगा। तीसरे चरण में छोट ग्रुप या 10 से कम खिलाड़ी अपने कोच के साथ ट्रेनिंग कर पाएंगे। चौथे चरण में टीमें अपने पूरे खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग कर पाएगी लेकिन इस दौरान खिलाड़ियों को एक-दूसरे को छूने से बचना होगा।
ये हैं आईसीसी द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार, खिलाड़ी अपने निजी सामान जैसे कैप, तौलिया, सनग्लास, जंपर्स आदि अंपायर या साथियों को नहीं सौंप सकते और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि खिलाड़ियों का सामान कौन रखेगा। यही नहीं अंपायरों को भी गेंद को पकड़ते समय दस्तानों का उपयोग करना होगा। खिलाड़ी अपनी कैप और धूप के चश्मों को मैदान पर नहीं रख सकते क्योंकि इससे पेनल्टी रन जा सकते हैं जैसे कि हेलमेट के मामले में होता है। आईसीसी इसके साथ ही चाहती है कि खिलाड़ी मैच से पहले और मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में कम समय बिताएं।
गेंद पर लार लगाने पर पहले ही प्रतिबंध की सिफारिश
बता दें कि आईसीसी क्रिकेट समिति पहले ही गेंद पर लार लगाने पर प्रतिबंध की सिफारिश कर चुकी है और अब खिलाड़ियों को गेंद छूने के बाद आंखें, नाक और मुंह स्पर्श नहीं करने की सलाह दी गई है तथा गेंद के संपर्क में आने के बाद अपने हाथ साफ करने के लिए कहा गया है। ट्रेनिंग के दौरान भी खिलाड़ियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं क्योंकि उन्हें शौचालय का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।