उच्च न्यायालय ने अपनी तरफ से चौथे टेस्ट मैच को हरी झंडी दे दी है और साथ ही टेस्ट मैच की निगरानी का जिम्मा न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल को भी सौंप दिया है। बीसीसीआई ने डीडीसीए को मंगलवार तक का ही समय दिया था कि वह सभी जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर ले। लेकिन दिल्ली सरकार की कई संस्थाओं का डीडीसीए पर 24 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है और इसलिए सरकार इस मैच की इजाजत नहीं दे रही थी। लिहाजा डीडीसीए को उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।
अदालत ने डीडीसीए के पक्ष में फैसला देकर उसे स्पष्ट चेतावनी दी कि हम मैच की इजाजत नहीं देकर क्रिकेट प्रेमियों को इसकी सजा नहीं देना चाहते। डीडीसीए के लिए यह आखिरी मौका है। इसके साथ ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को भी अदालत ने दखल प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया क्योंकि इसके बिना मैच होना संभव नहीं था। डीडीसीए में पिछले एक दशक से अधिक समय से अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का दौर चल रहा है जिसकी शिकायत पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद से लेकर मौजूदा क्रिकेटर गौतम गंभीर तक कर चुके हैं।