प्रसाद ने कहा, यदि माही यह फैसला एक साल या छह महीने पहले लेता तो मैं चिंतित होता लेकिन उसने एकदम सही समय पर फैसला लिया है। उन्हें पता है कि विराट अब खुद को साबित कर चुका है और टेस्ट में बतौर कप्तान बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, धोनी का यह फैसला सही है। इससे साबित होता है कि भारतीय क्रिकेट का हित उनके जेहन में था।
भारत के पूर्व विकेटकीपर प्रसाद ने कहा कि धोनी के भीतर अभी काफी क्रिकेट बाकी है। उन्होंने कहा, मुझे अभी भी लगता है कि उसके भीतर काफी क्रिकेट बाकी है। विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर वह टीम की सफलता में योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा, उसके पास बतौर कप्तान हासिल करने के लिये क्या बचा था। उसने सब कुछ हासिल कर लिया। टी20 विश्व कप, 50 ओवरों का विश्व कप, चैम्पियंस ट्राफी सभी जीते। इसके अलावा आईपीएल, चैम्पियंस लीग में भी खिताबी जीत दर्ज की। उसके पास साबित करने के लिये कुछ नहीं था। प्रसाद का मानना है कि धोनी की मौजूदगी से कोहली को मार्गदर्शन मिलेगा जिन्हें तीनों प्रारूपों में कमान संभालनी है।
उन्होंने कहा, धोनी की मौजूदगी से कोहली को मदद मिलेगी जो अब तीनों प्रारूपों में कप्तान होंंगे। यदि वह संन्यास ले लेते तो विराट उनके अपार अनुभव से वंचित रह जाते। प्रसाद ने कहा कि धोनी और विराट में जमीन आसमान का फर्क है लेकिन भारत के लिये मैच जीतने की दोनों की ललक समान है।
उन्होंने कहा, धोनी अपने जज्बात जाहिर नहीं करते जबकि कोहली हमेशा से आक्रामक है। धोनी को देखकर पता ही नहीं चलता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। धोनी और कोहली दोनों की मैच जीतने की ललक एक सी है। भाषा