प्रसार भारती की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से कहा कि सीमित ट्रांसमीटर होने की वजह से वे अलग से चैनल शुरू करने की स्थिति में नहीं है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की खंडपीठ ने अटार्नी जनरल का पक्ष सुनने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ प्रसार भारती की अपील पर कहा कि इस प्रकरण में फैसला बाद में सुनाया जायेगा।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में दूरदर्शन को विश्वकप मैचों की लाइव फीड निजी केबल आपरेटरों के साथ साझा करने से रोक दिया है।
अटार्नी जनरल ने कहा कि प्रसार भारती के पास देश भर में करीब 1400 ट्रांसमीटर हैं और इनमें से अधिकांश मानवरहित तथा दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं। ऐसी स्थिति में उनके लिए अलग से चैनल शुरू करना व्यावहारिक नहीं है।
रोहतगी ने विश्व कप के लिए अलग से चैनल शुरू करने का स्टार इंडिया का प्रस्ताव ठुकराते हुये कहा कि कानून जनता की भलाई के लिए है। उन्होंने कहा कि स्टार तथा केबल आपरेटरों के बीच विवाद है तो फिर इसका खमियाजा जनता क्यों भुगते। सभी को मैच देखने का अवसर मिलना चाहिए।
स्टार इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी और यदि उस समय छह दिन के भीतर अलग चैनल शुरू हो सकता था तो अब ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
चिदंबरम ने कहा, हम अलग चैनल शुरू करने में उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें तकनीकी सहायता भी मुहैया करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नया चैनल बगैर किसी अतिरिक्त खर्च के दूरदर्शन की तरह ही उसी फ्रीक्वैन्सी पर चल सकता है।