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नायर का तिहरा शतक, भारत का रिकार्ड स्कोर

करूण नायर ने टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले शतक को तिहरे शतक में बदलकर आज नाबाद 303 रन की रिकार्ड पारी खेली जिससे भारत ने अपना अब तक का सर्वोच्च स्कोर बनाकर इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में अपनी स्थिति मजबूत कर ली।
नायर का तिहरा शतक, भारत का रिकार्ड स्कोर

राजस्थान में जन्मे और कर्नाटक की तरफ से खेलने वाले 25 वर्षीय नायर ने रिकार्डों से भरी अपनी पारी में 381 गेंदें खेली तथा 32 चौके और चार छक्के लगाये। वह वीरेंद्र सहवाग के बाद टेस्ट मैचों में तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। सहवाग ने दो तिहरे शतक (319) और (309) लगाये हैं।

नायर का तिहरा शतक पूरा होते ही कप्तान विराट कोहली ने सात विकेट पर 759 रन के स्कोर पर पारी समाप्त घोषित कर दी जो भारत का टेस्ट मैचों में सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी है। भारतीय पारी में नायर के कर्नाटक के साथी सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल के 199 रन भी शामिल हैं। भारत ने पहली पारी में 282 रन की बढ़त हासिल की।

अपनी पहली पारी में 477 रन बनाने वाले इंग्लैंड को चौथे दिन पांच ओवर खेलने का मौका मिला जिसमें उसने बिना किसी नुकसान के 12 रन बनाये हैं। वह अब भी भारत से 270 रन पीछे हैं और कल पांचवें दिन उसके बल्लेबाजों को भारतीय स्पिनरों की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। स्टंप उखड़ने के समय कप्तान एलिस्टेयर कुक तीन और कीटन जेनिंग्स नौ रन पर खेल रहे थे।

इससे पहले भारत का सर्वोच्च स्कोर का रिकार्ड नौ विकेट पर 726 रन था जो उसने श्रीलंका के खिलाफ 2009 में मुंबई में बनाया था। यह इंग्लैंड के खिलाफ किसी भी टीम का सबसे बड़ा स्कोर है। भारत ने वेस्टइंडीज का रिकार्ड तोड़ा जिसने 2004 में सेंट जोन्स में पांच विकेट पर 751 रन बनाये थे।

अपनी रिकार्ड पारी के दौरान नायर ने रविचंद्रन अश्विन (67 ) के साथ छठे विकेट के लिये 181 और फिर रविंद्र जडेजा (51)  के साथ सातवें विकेट के लिये 138 रन की दो बड़ी साझेदारियां की।

नायर ने लेग स्पिनर आदिल रशीद की गेंद प्वाइंट से चार रन के लिये भेजकर अपना तिहरा शतक पूरा किया और फिर एमए चिदंबरम स्टेडियम में मौजूद दर्शकों और अपने साथियों का आभार व्यक्त किया। नायर का यह प्रथम श्रेणी मैचों में दूसरा तिहरा शतक है। उन्होंने पिछले साल मार्च में कर्नाटक की तरफ से तमिलनाडु के खिलाफ मुंबई में रणजी ट्राफी फाइनल में 328 रन बनाये थे।

यही नहीं वह टेस्ट मैचों में अपने पहले शतक को तिहरे शतक में तब्दील करने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज बन गये हैं। उनसे पहले वेस्टइंडीज के सर गारफील्ड सोबर्स (नाबाद 365 ) और आस्ट्रेलिया के बाब सिम्पसन (311)  ने यह कारनामा दिखाया था।

नायर ने सुबह 71 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी थी। उन्होंने पहले सत्र में बेन स्टोक्स की गेंद पर चौका जड़कर शतक पूरा किया और फिर अधिक तेजी दिखायी। चाय के विश्राम के बाद उन्होंने जेनिंग्स की गेंद पर चौका लगाकर अपना दोहरा शतक पूरा किया और फिर अगले 100 रन केवल 75 गेंदों पर पूरे किये। उन्होंने 250 रन के पार पहुंचने के बाद अधिक तेजी दिखायी तथा मोईन अली और रशीद पर छक्के भी लगाये।

पिच से स्पिनरों को बहुत अधिक टर्न नहीं मिल रहा है और नायर ने इसका फायदा उठाया। इस बीच भाग्य ने भी उनका साथ दिया। कल 34 रन के निजी योग पर कुक ने उन्हें जीवनदान दिया था। आज भी दो बार वह आउट होने से बचे। पहले अवसर पर जब वह 216 रन पर थे तब जैक बॉल की गेंद पर जो रूट ने स्लिप में उनका कैच छोड़ा जबकि 246 रन के निजी योग पर जोनी बेयरस्टो उन्हें स्टंप करने से चूक गये थे।

इन कुछ अवसरों को छोड़कर नायर की पारी लाजवाब रही और उन्होंने इंग्लैंड के तेज और स्पिन किसी भी तरह के गेंदबाजों को खुद पर हावी नहीं होने दिया। कल की तुलना में वह आज अधिक स्वच्छंद होकर खेले। उन्होंने आज जो 232 रन बनाये उसके लिये केवल 245 गेंदें खेली।

भारत ने सुबह चार विकेट पर 391 रन से आगे खेलते हुए पहले सत्र में 72 रन जोड़े और मुरली विजय (29)  का विकेट गंवाया लेकिन दूसरे सत्र में नायर और अश्विन ने इंग्लैंड को कोई सफलता हाथ नहीं लगने दी। इस दौरान इन दोनों ने 119 रन जोड़े। तीसरे सत्र में 177 रन बने और इस बीच दो विकेट निकले।       चोटिल होने के कारण छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिये उतरे विजय को पारी के 124वें ओवर में लियाम डासन ने पगबाधा आउट करके अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट भी हासिल किया।

इससे पहले पारी के 115वें ओवर में स्टुअर्ट ब्राड की गेंद ने विजय के बल्ले का किनारा लिया था लेकिन अंपायर साइमन फ्राई ने अपील ठुकरा दी। इंग्लैंड के पास कोई रिव्यू नहीं बचा था और इसलिए वह तीसरे अंपायर का सहारा भी नहीं ले पाया। अश्विन को चाय के विश्राम से ठीक पहले मध्यम गति के गेंदबाज जेनिंग्स की गेंद पर पगबाधा आउट दे दिया गया था। भारतीय खिलाड़ी ने इस पर निर्णय समीक्षा प्रणाली का सहारा लिया और रीप्ले में पता चला कि गेंद लेग स्टंप से बाहर जा रही है। इस तरह से जेनिंग्स अपना पहला विकेट लेने से चूक गये।

अश्विन आखिर में तीसरे सत्र में आउट हुए लेकिन उसका श्रेय जोस बटलर को जाता है जिन्होंने ब्राड की गेंद पर गली में शानदार कैच लिया। अश्विन ने 149 गेंद खेली तथा छह चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने इससे कुछ देर पहले जेनिंग्स पर चौका जड़कर अपने करियर का दसवां अर्धशतक पूरा किया था।

अश्विन के आउट होने से हालांकि इंग्लैंड की परेशानी कम नहीं हुई क्योंकि जडेजा ने नायर का अच्छा साथ दिया और टेस्ट मैचों में अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने डासन की गेंद पर लांग आन पर कैच देने से पहले 55 गेंद की अपनी पारी में एक चौका और दो छक्के लगाये।

इंग्लैंड की तरफ से ब्राड ने 80 रन देकर दो जबकि डासन ने 129 रन देकर दो विकेट लिये।

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