भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी और पूर्व कप्तान मिताली राज ने टी-20 क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। लगातार टीम से बाहर चल रहीं मिताली ने अचानक से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने की इच्छा की थी जाहिर
पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला खेलने की इच्छा व्यक्त करने के बाद, मिताली ने अचानक से यह फैसला लेकर सबको चौंका दिया। टी-20 में मिताली के भविष्य को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं क्योंकि पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ विश्व टी-20 सेमीफाइनल के लिए उन्हे प्लेइंग इलेवन से जगह नहीं मिली थी।
सिर्फ वनडे वर्ल्ड कप पर लगाएंगी ध्यान
अब मिताली सिर्फ वनडे वर्ल्ड कप पर ही अपना ध्यान लगाएंगी। 36 वर्षीय मिताली ने भारत के लिए 89 टी-20 मुकाबले खेले थे, जिसमें उन्होंने 37.52 की औसत से 2364 रन बनाए हैं। जो भारतीय खिलाड़ियो में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने इस दौरान 17 बार अर्धशतक भी जमाया था। टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी मिताली ने 32 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया है। इसमें तीन बार महिला टी-20 वर्ल्ड कप भी शामिल हैं। वह 2006 में भारत की पहली टी-20 कैप्टन बनी थी। मिताली ने अपना आखिरी टी-20 मुकाबला इसी साल नौ मार्च को गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उस मैच में उन्होंने 32 गेंदों में नाबाद 30 रन बनाए थे।
संन्यास की घोषणा करते हुए मिताली ने कहा कि उन्होंने टी-20 मैचों को अलविदा कहने का मन इसलिए बनाया क्योंकि वह अपना पूरा ध्यान वनडे मैचों पर देना चाहती हैं। उन्होंने कहा, '2006 से टी-20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद, मैं 2021 के वनडे विश्व कप के लिए खुद को तैयार करना चाहती हूं, इसलिए मैं टी-20 मैचों से संन्यास का ऐलान कर रही हूं।
देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना है सपना
मिताली ने कहा कि देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना मेरा सपना रहा है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं। मैं बीसीसीआई को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देती हूं और भारतीय टी-20 महिला टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होम सीरीज के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
रोहित और विराट से पहले टी-20 हासिल की थी यह उपलब्धि
बता दें कि मिताली राज भारत की पहली महिला टी-20 कप्तान हैं। साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में भारत की तरफ से 2000 रन बनाने वाली पहली खिलाड़ी भी रही हैं। उन्होंने ये उपलब्धि रोहित शर्मा और विराट कोहली से भी पहले हासिल की थी। साथ ही 203 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने सात शतकों के साथ 51.29 के औसत से 6720 रन बनाए हैं। वहीं 10 टेस्ट मैचों में 663 रन भी बनाए हैं जिसमें शतक भी शामिल है।