मेहमान टीम 50 ओवर में 328 रन पर आउट हो गयी थी, लेकिन जवाब में घरेलू टीम 39.2 ओवर में महज 142 रन पर ही सिमट गयी। यह वेस्टइंडीज की इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में सबसे बड़े अंतर की हार है और 1991 के बाद पहली बार उसे इसी प्रतिद्वंद्वी से 0-3 से शिकस्त मिली है।
भारत में लगी हाथ की चोट के कारण दो महीने तक क्रिकेट से दूर रहने वाले हेल्स ने वापसी में 110 रन की पारी खेली जबकि रूट ने भी एंटिगा में दूसरे वनडे में नाबाद 90 रन की मैच विजयी पारी के बाद 101 रन बनाये।
इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 192 रन की साझेदारी की जो केनसिंगटन ओवल में वनडे में किसी भी विकेट के लिये सबसे बड़ी भागीदारी है। वेस्टइंडीज को 2019 विश्व कप के लिये स्वत: क्वालीफिकेशन हासिल करने के लिये रैंकिंग अंक की जरूरत थी और उसे इस सीरीज में वाइटवाश से बचना था, लेकिन टीम ऐसा नहीं कर सकी।
टीम को कैच छोड़ने का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसमें रूट को दो बार जीवनदान मिला।
वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डन ने लगातार तीसरी बार टास जीता और इंग्लैंड को बल्लेबाजी का न्यौता दिया। तेज गेंदबाज एलजारी जोसफ ने चार विकेट झटके और विपक्षी टीम की रन गति को थोड़ा धीमा किया जो पहले 350 रन से ज्यादा का स्कोर बनाने की ओर बढ़ रही थी। होल्डर ने 41 रन देकर तीन विकेट झटके।
इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के खिलाफ शीर्ष तीन विकेट गंवा दिये। उसके लिये जोनाथन कार्टर 46 रन से शीर्ष स्कोरर रहे। मैन आफ द सीरीज क्रिस वोक्स और लियाम प्लंकेट ने तीन-तीन विकेट प्राप्त किये।
तेज गेंदबाज स्टीव फिन ने दो और लेग स्पिनर आदिल राशिद ने एक विकेट हासिल किया।
भाषा