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आईसीसी के फैसले से बीसीसीआई नाराज

बीसीसीआई ने अगले साल इंग्लैंड में एक से 18 जून तक चैम्पियन्स ट्राफी के लिए आयोजन लागत के तौर पर लगभग 13 करोड़ 50 लाख डालर का बजट आवंटित करने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले पर आपत्ति जताई है।
आईसीसी के फैसले से बीसीसीआई नाराज

बीसीसीआई को इस साल आठ मार्च से तीन अप्रैल तक विश्व टी20 के आयोजन के लिए आईसीसी ने चार करोड़ 50 लाख डालर आवंटित किए थे और ईसीबी को दी जाने वाली राशि में तीन गुना इजाफा किया गया है। आईसीसी जब भी किसी टूर्नामेंट का आयोजन करता है तो मेजबान देश को एक निश्चित बजट आवंटित किया जाता है। मेजबान देश स्थानीय आयोजन समिति का गठन करता है जो टूर्नामेंट की मेजबानी के दौरान होने वाले सभी खर्चों के लिए जिम्मेदार होती है। बीसीसीआई के कई अधिकारी इस बात से हैरान हैं कि ब्रिटेन में 19 दिन चलने वाली प्रतियोगिता के लिए लागत में काफी इजाफा किया गया है जबकि उसे सिर्फ 15 मैचों की मेजबानी करनी है। इसके विपरीत भारत में विश्व टी20 27 दिन चला था और इस दौरान 58 मैचों (35 पुरूष और 23 महिला मैच) का आयोजन किया गया था।

साथ ही इस तरह की रिपोर्ट भी हैं कि आईसीसी लंदन में एक कार्यालय बना रहा है जिसे टूर्नामेंट खत्म होने के बाद ईसीबी को सौंप दिया जाएगा। आईसीसी ने मई-जून में एडिनबर्ग में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन के दौरान समीक्षा के लिए चैम्पियन्स ट्राफी 2017 का मसौदा बजट अपने सदस्यों को सौंपा था। इसी के तहत बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र भेजकर बजट पर आशंका जताई है और इस मुद्दे पर छह और सात सितंबर को दुबई में आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की बैठक के इतर चर्चा होने की उम्मीद है।

विश्व कप 2011 और 2016 में आईसीसी विश्व टी20 के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, यह हैरानी भरा है लेकिन जब आईसीसी विश्व टी20 का आयोजन भारत में किया गया था तो बीसीसीआई ने एक तिहाई लागत पर अधिक लंबे टूर्नामेंट का आयोजन किया था। अधिकारी ने कहा, अगर आप इसे भी ध्यान में रखते हैं कि पाउंड में खर्चे के कारण ब्रिटेन में लागत ज्यादा आएगी तो भी भारत में अतिरिक्त खर्चे अधिक थे जिसमें यात्राएं भी शामिल थी क्योंकि आपको एक शहर से दूसरे शहर के लिए उड़ान लेनी होती थी जबकि इंग्लैंड में ऐसा नहीं होगा। नये कार्यालय के निर्माण पर भी सवाल उठाया जा सकता है।

अधिकारी ने कहा, प्रत्येक सदस्य को यह पूछने का अधिकार है कि आखिर क्यों सभी सदस्य एक सदस्य के कार्यालय के लिए खर्च करें। एक-एक पैसा बचाना, एक-एक पैसा कमाने की तरह है। इस पैसे का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से क्रिकेट के विकास में होना चाहिए।

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