श्रीलंका टास गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने फिर से अच्छा प्रदर्शन किया। युवा हार्दिक पांड्या (26 रन देकर दो विकेट) और जसप्रीत बुमराह (27 रन देकर दो विकेट) ने उसका शीर्ष क्रम झकझोर दिया। चमारा कापुगेदारा ने सर्वाधिक 30 रन बनाए लेकिन यदि श्रीलंका नौ विकेट पर 138 रन तक पहुंच पाया तो उसका श्रेय निचले क्रम के बल्लेबाजों मिलिंदा श्रीवर्धना (17 गेंद पर 22 रन) तिसारा परेरा (छह गेंद पर 17 रन) और नुवान कुलशेखरा (नौ गेंद पर 13 रन) को जाता है।
भारत का स्कोर भी एक समय दो विकेट पर 16 रन था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत के नायक कोहली (47 गेंद पर नाबाद 56 रन) ने अपनी समझ-बूझ भरी बल्लेबाजी का फिर से अच्छा नजारा पेश किया जबकि युवराज (18 गेंदों पर 35 रन) ने सिक्सर किंग की अपनी पुरानी छवि की जीवंत झलक दिखाई। भारत ने आखिर में 19.2 ओवर में पांच विकेट पर 142 रन बनाकर शान से फाइनल में कदम रखा।
भारत की यह इस साल नौ टी20 मैचों में आठवीं जीत है। दूसरी तरफ श्रीलंका को तीन मैच में दूसरी हार का सामना करना पड़ा जिससे उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना धूमिल पड़ गई है। भारत की भी शुरूआत अच्छी नहीं रही और उसने शिखर धवन (एक) का विकेट जल्दी गंवा दिया जिन्होंने चोट से उबरने के बाद इस मैच में वापसी की थी। उन्होंन कुलशेखरा की गेंद पर पुश करने के प्रयास में विकेटकीपर को कैच दिया। रोहित शर्मा (15) ने भी इस गेंदबाज के अगले ओवर में पवेलियन लौट गए। कापुगेदारा ने दूसरी स्लिप में उनका कैच लिया।
कोहली और सुरेश रैना (25) ने हालांकि किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और सहजता से पारी आगे बढ़ाई। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 7.5 ओवर में 54 रन की साझेदारी की। रैना ने दासुन शनाका की गेंद हवा में लहराकर मिड आफ पर कैच थमाया जिससे यह साझेदारी टूटी। श्रीलंका को हालांकि इससे कोई राहत नहीं मिली क्योंकि युवराज ने आते ही गेंदबाजों को निशाना बनाया। उन्होंने शनाका पर चौका जड़कर खाता खोला और फिर रंगना हेराथ के अगले ओवर में लांग आन और मिडविकेट पर लगातार दो छक्के जमाये। उन्होंने परेरा की गेंद भी कवर प्वाइंट की उपर से छह रन के लिये भेजी।
कोहली और युवराज ने भी अर्धशतकीय साझेदारी (51 रन) निभाई। युवराज ने परेरा की गेंद पर हुक करके मिड आन पर कैच दिया। पांड्या (दो) को हेराथ ने बोल्ड किया लेकिन भारत लक्ष्य के करीब पहुंच गया था। युवराज ने अपनी पारी में तीन चौके और इतने ही छक्के लगाये। भारत को जब आखिरी दो ओवर में 14 रन चाहिए थे तब एंजेलो मैथ्यूज को श्रीवर्धना को गेंद थमाने का फैसला अजीबोगरीब रहा। धोनी ने उनकी गेंद पर छक्का जमाया जबकि कोहली ने अपनी पारी का छठा चौका लगाकर टी20 में अपना 13वां अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने हेराथ के अगले ओवर में विजयी चौका भी जड़ा।