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विश्व कपः छक्के के साथ जीत का छक्का

अपने पूल के अंतिम मैच में जिंबाब्वे को छह विकेट से शिकस्त देते हुए भारत ने न सिर्फ अपना सर्वोच्च मुकाम बरकरार रखा बल्कि विश्व कप में लगातार दसवीं जीत का भी विजय अभियान जारी रखा हुआ है। जीत का छक्का कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बल्ले से ही निकला।
विश्व कपः छक्के के साथ जीत का छक्का

जिंबाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 288 रन बनाए। उसकी पूरी टीम 48.5 ओवर में ही सिमट गई। जवाब में उतरी भारतीय टीम की सलामी जोड़ी विफल साबित हुई और शिखर धवन 27 गेंद खेलकर मात्र 4 रन बनाकर ही आउट हो गए। रोहित शर्मा भी 24 गेंदों में 16 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद विराट कोहली (38) ने पारी संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन लंबा शॉट खेलने के चक्कर में सिकंदर रजा की गेंद पर बोल्ड हो गए। धुआंधार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे भी सस्ते में (19) रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। लेकिन सुरेश रैना (110) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (85) ने जिम्मेदाराना पारी खेलकर टीम को अपने पूल में पहले स्‍थान पर बनाए रखा। दोनों ने लाजवाब 196 रनों की साझेदारी निभाते हुए इस विश्व कप में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का भी रिकॉर्ड बनाया।

इस जीत के साथ ही यह पहला ऐसा अवसर बना, जब भारतीय टीम किसी विश्व कप में अपने पूल में शीर्ष मुकाम पर रही। रैना ने 104 गेंद खेलते हुए 9 चौकों और चार छक्कों की मदद से 110 रन की नाबाद पारी खेली जबकि धोनी ने 76 गेंद खेलते हुए आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 85 रन की नाबाद पारी खेली। धोनी ने छक्के के साथ ही भारत ने एक ओवर दो गेंद रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत की ओर से मोहम्मद शमी, मोहित शर्मा और उमेश यादव ने 3-3 विकेट लिए। स्पिनर आर. एस. अश्विन सबसे महंगे साबित हुए और उनकी झोली में सिर्फ एक वि‌केट गया।  उधर अपना आखिरी मैच खेलने उतरे कप्तान बेंडन टेलर ने शानदार 138 रनों की पारी खेली। 

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