टूर्नामेंट की आठ टीमों में से सात टीमों की कमान भारतीय खिलाड़ियों के पास थी। हैदराबाद की टीम के कैप्टन डेविड वार्नर कप्तानों में अकेले विदेशी थे। फायनल में उन्होंने विराट कोहली के संपूर्ण प्रदर्शन पर भारी पड़ते हुए जो साहसिक जीत हासिल की है, वह एक तरह से सभी सातोंं भारतीय कप्तान को मात देने जैसा है। रनों के मामले में विराट कोहली के बाद दूसरे नंबर पर रहे वार्नर ने भी अपनी टीम काेे शानदार कप्तानी दी।
कोहली ने 973 रन बनाए वहीं वार्नर ने भी 848 रन जड़ दिए। वार्नर ने कोहली की तरह फ्रंट से ही मोर्चा संभालते हए हैदराबाद को कई जीत दिलाई। फायनल में भी 69 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। कोहली इस मामले में उनसे पीछे रह गए। कोहली ने उन्मुक्त ढंग से बैटिंग नहीं की। थोड़ेे डरे हुए से थे। कोहली भय से दूर होकर खेलते तो वह जीत भी दिला देते तथा अपने एक हजार रन भी पूरे कर लेते। दबाव में वह बेहतरीन बैटिंग करते हैं पर फायनल में वह फीके रंग में नजर आए। शायद गेल की पारी से वह ज्यादा उत्साहित हो गए और जीत को आसान मान बैठे। उम्मीद है कोहली इस हार के बाद और परिपक्व होंगे। उन्हें मन छोटा नहीं करना चाहिए। अभी उन्हें सात से आठ साल तक लंबी क्रिकेट खेलनी है। इस तरह के फायनल जीतने के उनके सामने बहुत मौके आएंगे।
अब बात करेंं बेन कटिंग की। जो मैच के मुख्य हीरो थे। उन्होंने अंतिम ओवर में जिस तरह से धुंआधार बैटिंग की वहीं हैदराबाद की जीत की नींव थी। कटिंग ने 15 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाये, जिसमें तीन चौके और चार छक्के शामिल हैं। कटिंग ने 25 रन देकर दो विकेट भी लिये। स्वाभाविक है उन्हें ही मैन ऑफ द मैच मिलना था। कुल मिलाकर यह आईपीएल क्रिकेट प्रेमियों को काफी समय तक याद रहेगा। करीब 90 फीसदी क्रिकेट प्रेेमियों ने इसे अब तक का सबसे रोमांचक आईपीएल माना है।