विशेष लोक अभियोजक राजीव मोहन ने इस मामले में अपनी दलीलों के समर्थन में लिखित में पक्ष रखा जिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने आदेश सुरक्षित रखा। दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने इस मामले में 42 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्रा दायर किया था जिसमें से छह भगोड़े हैं।
इस मामले में पुलिस की जांच पर अदालत ने गौर करते हुए मैच फिक्सिंग की उसकी कहानी पर सवाल खड़े किये थे। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में एेसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि आरोपियों द्वारा मैच फिक्स किए गए।
आरोप तय करने पर दलीलों के दौरान पुलिस ने आरोपियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का संदर्भ देते हुए दावा किया था कि वे मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल थे।